मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा । భావం: जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई । चारों जुग परताप तुम�
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा । భావం: जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई । चारों जुग परताप तुम�